महाराष्ट्र। महाराष्ट्र का जालना. यहां 8 मई को एक बड़ा हादसा हो गया. रेल की पटरी पर सो रहे करीब 20 प्रवासी मज़दूरों के ऊपर से मालगाड़ी गुज़र गई. 16 मज़दूरों की मौत हो गई. इनमें कुछ बच्चे भी शामिल थे. इस घटना के बाद सवाल उठने लगे कि जब पटरी पर लोग दिखे तब ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रेन क्यों नहीं रोकी. इस पर रेलवे की सफाई भी आई।
रेलवे ने कहा- पटरियों पर कुछ मज़दूरों को सोता देख मालगाड़ी के लोको पायलय ने ट्रेन रोकने की कोशिश की, लेकिन आखिर में रुक नहीं पाई. घटना परभानी-मनमाड़ सेक्शन में बदनापुर और करमाड़ स्टेशन के बीच हुई. घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
अक्टूबर, 2018 में भी इसी तरह की घटना हुई थी. अमृतसर में लोग पटरियों पर खड़े होकर दशहरा उत्सव देख रहे थे. ऐसे में एक ट्रेन अचानक आई और कई लोग उससे कुचलकर मारे गए. तब ‘दी लल्लनटॉप’ ने एक लोकोपायलट से बात की थी. लोकोपायलट भारत में ट्रेन के ड्राइवर को कहते हैं. उन्होंने हमें तफसील से बताया था कि ड्राइवर ट्रेन को कैसे रोकता है और क्यों अचानक किसी के सामने आने पर ट्रेन नहीं रुकती. वही बात हम आपको दोबारा बता रहे हैं।