खान नदी के डायवर्सन की जांच हो- रवि राय कार्यकारी अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी
शिप्रा के लिए संतों को आंदोलन करना पड़ रहा, मध्यप्रदेश शासन के लिए शर्मनाक- रवि राय
उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन की जीवन रेखा और नित्य निरंतर भक्तों को दर्शन मात्र से मोक्ष देने वाली मां शिप्रा नदी की वर्तमान दुर्दशा को देखते हुए उज्जैन नगर के प्रमुख संत महात्माओं ने मां शिप्रा के शुद्धिकरण के लिए उसमें मिल रहे गंदे नालों से बहने वाले पानी को रोकने के साथ ही इंदौर शहर से आने वाली खान नदी के गंदे पानी को रोकने के लिए सामूहिक आंदोलन की शुरुआत की है। शहर कांग्रेस उज्जैन की ओर से इसका समर्थन करते हुए शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रवि राय ने कहा कि संतों का यह कदम विशेष रुप से मध्य प्रदेश शासन के लिए शर्मनाक होना चाहिए।
रवि राय ने कहा कि वर्तमान में संतो द्वारा शिप्रा नदी को शुद्ध करने के लिए जो मुहिम प्रारंभ की गई है इसमें शहर के नागरिकों, समाजसेवी संस्थाओं को बढ़-चढ़कर के संतों के पीछे खड़े होना चाहिए। साथ ही जो खान नदी का डायवर्सन 200 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था उसकी भी वर्तमान में जांच करना चाहिए कि वह पाइपलाइन क्यों बंद हुई है और उसमें किन तकनीकी अधिकारियों की गलती है जिसके कारण 200 करोड़ रुपए जो जनता का पैसा व्यर्थ में बर्बाद हुआ और लगातार 5 वर्षों से धार्मिक श्रद्धालुओं को गंदे पानी में स्नान करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को जिन्होंने इस योजना के सफलता के बड़े-बड़े दावे किए गए थे उनके दावों की सारी कलाइयां खुल गई है। अगर मुख्यमंत्री वाकई में सनातन धर्म में श्रद्धा रखते हैं तो उन्हें डायवर्शन योजना की जांच तत्काल करवाना चाहिए। साथ ही उज्जैन में जो नाले शिप्रा नदी में मिल रहे हैं उन्हें भी तत्काल कैसे रोका जाए, शिप्रा किनारे बनी हुई होटलों से गंदे पानी की निकासी कहां जा रही है उस पर भी तत्काल अधिकारियों को मुहिम चलाते हुए बंद करवाना चाहिए। रवि राय ने कहा कि मां शिप्रा के जल की स्वच्छता होना इस तीर्थ नगरी के लिए अति आवश्यक है। संतों के आंदोलन को हमारा समर्थन है।