शाजापुर। दबंगो की दबंगाई शहर शाजापुर में ऐसी बढ़ती जा रही है कि अब जिसे रोकने के बजाए पुलिस भी दबंगों के पक्ष में कार्यवाही करती नज़र आती है। ऐसा ही मामला करीम अली कांचावाला के साथ हुआ जिसे गंभीर चोट लगने के बाद इंदौर रेफर करने किया गया। लेकिन थाने पर समाज के लोग एफ.आई.आर करवाने को लेकर परेशान होते रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार नई सड़क स्थित नजमी प्लायवुड के मालिक करीम अली एवं उनके पुत्र इब्राहीम अली का विवाद गवली समाज के एक परिवार के साथ हो गया। मामला 30 वर्ष पुरानी खरीदी गई ज़मीन का था जिस पर बैचने वालों का दबाव था कि जिस भाव ज़मीन खरीदी गई है उसी भाव से वापस उन्हे बेच दी जाए। करीम अली को गम्भीर जानलेवा चोट लगने के बाद से नहीं बोल पाने के कारण उनके पुत्र ने मीडिया से साक्षात्कार में बताया कि करीब 30 साल पहले उनके पिता यानी करीम अली ने आरोपी संजय एवं बबलु के दादाजी से गोडाउन के लिए गवली मोहल्ले में जगह खरीदी थी जिसकी पक्की रजिस्ट्री भी उनके पास मौजूद है जिसे लेकर पहले भी पिता-पुत्र दोनों पर परिवार के लोग दबाव बना चुके है। इब्राहिम ने बताया कि उसे और उसके पुत्र को आज दिनांक 27/2/2022 को उनके घर पुनः इसी जगह की बात को खरीदन के लिए बुलाया था। जिसमंे संजय और बबलु की दादी सुंदरबाई, ताउजी हारीसिंह भी मौजूद थे जो खरीदने के लिए बात कर रहे थे। करीम अली ने जगह पुनः बैचने से इनकार कर वापस दुकान जाने के लिए जैसे ही घर से कदम बढ़ाया वैसे ही संजय और बबलु ने दोनों पिता-पुत्र पर हमला कर दिया और करीम अली को वहीं पड़ी ईंट से सर पर मारी जिससे खून में लथपथ देख इब्राहिम ने बचाते हुए आस-पास के लोगों को बुलाया इसी बीच इब्राहीम पर भी आरोपियों ने राॅड से हमला किया जो इब्राहीम के पैर पर लगा। जिसके बाद समाज के लोगों ने सरकारी अस्पताल में तुरन्त करीमअली को भर्ती करवाया। प्राथमिक उपचार कर अस्पताल से करीम अली को इंदौर रेफर एम.आई.आर. के लिए भेज दिया गया। वही इब्राहीम ने पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाना चाही जहां लम्बे समय इंतजार करने के बाद भा.द.स. ही धारा 327, 294, 323, 506, 34 के अन्तर्गत मामला दर्ज करने के लिए पुलिस तैयार थी लेकिन जानलेवा हमले के लिए धारा 307 से आरोपियों को बचाने का भरचक प्रयास किया गया। मीडिया के दबाव में इतनी जानकारी मिलि की अभी मेडिकल रिपोर्ट आना बाकी है। खबर लिखे जाने तक करीम अली की हालत गंभीर होने की परिजनों ने सूचना दी। ये कैसी कार्यवाही- जब भी कोई छोटी मारपीट का कैस अस्पताल में लाया जाता है तो तुरन्त पुलिस घायलों का स्टेटमेन्ट लेने पहुंच जाती है पंचनामा बनाया जाता है लेकिन घटना को बीते 1.30 घण्टे तक पुलिस द्वारा इधर-उधर टालमटोली की जाती रही जबकी कार्यवाही तुरन्त कर पंचनामा बनवाया जाना चाहिए था। जिसके आधार पर भी गिरफतारी की जा सकती थी।
विडम्बना
गम्भीर चोट, घायल का इन्दौर रेफर करने के बाद भी और पुलिस का यह कहना की रिपोर्ट नहीं आई है कहकर धाराओं में कमी रखना साथ ही दबंगो पर तुरंत कार्यवाही नहीं करना साफ दर्शा रहा है कि पुलिस के आला अधिकारी भी कार्यवाही करना नहीं चाहते। थाने पर टी.आई. महोदय का नहंी पहुंचपाना और अन्य पुलिसकर्मीयों का दबाव में का करना साफ नज़र आ रहा था। कुछ दिनों पहले भी एक तरफा कार्यवाही- इसी शहर में पुलिस द्वारा अधिकारियों के इशारे पर कार्यवाही हो गई और पत्थरबाज़ी का मामला जिस पर एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए दबंगाई से मकान को ध्वस्त करना अभी आम जनता नहीं भूली है।