मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मिले फंड कमिश्नर से
उज्जैन। म.प्र. सड़क परिवहन निगम द्वारा निगम कर्मचारियों को भुगतान की गई महंगाई भत्ते की एरीयर राशि में से भविष्य निधि अंशदान की काटी गई राशि जमा कराये जाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने भरतपुरी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। करीब 4 सालों से परेशान हो रहे कर्मचारियों को फंड कमिश्नर ने आश्वस्त किया कि 7 दिन के पश्चात अगर मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम द्वारा राशि जमा नहीं की गई तो क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा 7 ए की कार्यवाही प्रबंध निदेशक मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम मुख्यालय हबीबगंज भोपाल के खिलाफ की जाएगी एवं भुगतान जमा करा कर सभी कर्मचारियों का भुगतान किया जाएगा कर्मचारियों ने कहा कि उच्च न्यायालय नईदिल्ली के आदेश के पालन में नियोक्ता मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम द्वारा अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की एरीयर राशि का भुगतान वर्ष 2018 में किया गया लेकिन नियोक्ता द्वारा एरियर राशि में से कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान की वर्ष 1998 से 2006 तक की राशि कटोत्रा करने के बाद उक्त राशि को भविष्य निधि कार्यालय में आज तक जमा नहीं कराई गई। कर्मचारियों ने आयुक्त से मांग की कि अंशदान की राशि मय ब्याज के वसूली जाए तत्पश्चात कर्मचारी सदस्यों को राशि भुगतान करें। इस दौरान रमेश राय, महेंद्र प्रजापति, नरेंद्र उपाध्याय, अर्जुन सिंह सोलंकी, उवदलाल शर्मा, एसके तोमर, रमेश चंद बागवान, राजेंद्र जोशी, गोपाल पांचाल, बाबूलाल सूर्यवंशी, अशोक परमार, दिनेश चौहान, राजेंद्र मालवीय, भंवर लाल झीनिवाल, कैलाश चंद शर्मा, अशोक तिवारी, दीपचंद जैन, अजय पंत, कैलाश जयसवाल, विशाल दुबे, इंदर सिंह, शांतिलाल राठौर, गफूर अजमेरी, बृजमोहन यादव आदि कर्मचारियों ने भविष्य निधि कार्यालय पर एकत्रित होकर फार्म जमा किया एवं भुगतान की मांग की गई। करीब 4 हजार कर्मचारियों की राशि अटकी महेंद्र प्रजापति ने बताया कि मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम उज्जैन डिपो, संभागी कर्मशाला उज्जैन, शाहजहांपुर डिपो, आगरा डिपो, रतलाम डिपो, मंदसौर डिपो, नीमच डिपो, तराना सब, डिपो मेहतपुर सब डिपो, जावद सब डिपो के करीब चार हजार कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की राशि में से काटी गई कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान राशि मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम से मय ब्याज वसूल कर भविष्य निधि कार्यालय कर्मचारी सदस्यों को नियमानुसार राशि भुगतान करने की मांग की गई।