उज्जैन। ईओडब्ल्यू की टीम ने महाराजवाड़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 में पदस्थ कार्यालय सहायक के उज्जैन में श्री कृष्ण कालोनी और इंगोरिया के ग्राम धुलेड़ी स्थित दो मकानों पर सुबह 6 बजे एक साथ दबिश देकर एक करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता लगाया। खास बात यह कि स्कूल में पदस्थ उक्त बाबू वर्ष 1994 में 750 रुपये प्रतिमाह वेतन पर अनुकंपा नियुक्ति से नौकरी में लगा था ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर अजय शंकर ने बताया कि धर्मेन्द्र सिंह चौहान पिता अंतरसिंह निवासी श्रीकृष्ण कालोनी गली नंबर 2 के पास आय से अधिक संपत्ति की सूचना अफसरों को मिली थी जिसकी पुष्टि होने के बाद सुबह 6 बजे धर्मेन्द्र सिंह के श्रीकृष्ण कालोनी और ग्राम धुलेड़ी स्थित मकानों पर ईओडब्ल्यू की अलग-अलग टीमों ने एक साथ दबिश दी। धर्मेन्द्र सिंह चौहान महाराजवाड़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ है। उसकी वर्ष 1994 में पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। उस समय धर्मेन्द्र चौहान का वेतन 750 रुपये था जो वर्तमान में 35 हजार रुपये प्रतिमाह है। जांच के दौरान पता चला कि धर्मेन्द्र चौहान की इंगोरिया के ग्राम धुलेड़ी में खेती की जमीन है जहां गोदाम और मकान भी बना है। दो ट्रेक्टर ट्राली है। उज्जैन में दो टू व्हीलर के अलावा एमआर-5 पर महालक्ष्मी विहार कालोनी में एक मकान है जो कुछ समय पहले तक किराये पर था। इंस्पेक्टर अजय शंकर ने बताया की धर्मेन्द्र के घर से अब तक 34 हजार रुपये नगद बरामद हुए हैं। बैंक लॉकर की तलाशी ली जायेगी जिसके बाद सोने-चांदी के आभूषणों का खुलासा होगा।
स्कूल का कार्यालय सहायक निकला करोड़पति- सुबह 6 बजे ईओडब्ल्यू ने मकान पर दी दबिश