रंगमंडल प्रमुख शरद शर्मा के अनुसार कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में अभिनव रंगमंडल द्वारा रंग प्रवीण शेखर नाट्य समारोह में हुए नाट्य मंचन का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर तिवारी, प्रो. शैलेन्द्र शर्मा ने किया। प्रवीण शेखर निर्देशित बैकस्टेज प्रयागराज की खूबसूरत प्रस्तुति ‘‘तीस मार खां’’ को रंगमंच की भाषा में ढालने और मंच के लिए इस विचार को परिवर्तित करने के लिए के लिए मंच विन्यास में सादगी और यथा संभव कम से कम तामझाम का रास्ता चुना गया। बेहतरीन प्रस्तुति संरचना में दैहिक भाषा, संरचना और रंगों के जरिए चरित्रों की संभावनाओं को बल देने पर रहा। विश्व साहित्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में मिग्युल डी सर्वान्तिस की रचना ’डॉन क्विग्जोट (दोन किहोते)’ का शुमार होता है। विश्व के उच्च साहित्यिक मानदंडों पर खरी उतरने वाली यह अमर रचना मूलतः स्पेनिश भाषा में है और इसका रचनाकाल सन् 1605-1615 के बीच का है। हवा-हवाई ख्वाबों से भरे दोन किहोते और सांचो पांजा की गाथा ’तीसमार खां’ जो भारतीय परंपरा, यथार्थ, खुशबू, देशकाल, वातावरण, मनोभाव, ध्वनि की गहराई आदि से सम्पृक्त है। प्रस्तुति की केंद्रीय भूमिका में सतीश तिवारी और भास्कर शर्मा ने खूब रंग जमाया। अमर सिंह, अनुज कुमार, कोमल पांडे, अंजल सिंह ने भी प्रभावित किया। अन्य कलाकारों में दिलीप, प्रदीप्त, प्रज्ञा, कौस्तुभ, निधि, अनुराग, कृष्णा, नवल, सुमित आदि थे। प्रकाश योजना टोनी सिंह की थी। तीन दिवसीय नाट्य समारोह के लिए संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने दो नाटकों का सहयोग प्रदान किया। समारोह में मंचित तीनों नाटक प्रवीण शेखर के निर्देशन में हुए।
‘तीस मार खां’’ फंतासी, दिवा स्वप्न और यथार्थ की दिलचस्प कहानी
रंगमंडल प्रमुख शरद शर्मा के अनुसार कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में अभिनव रंगमंडल द्वारा रंग प्रवीण शेखर नाट्य समारोह में हुए नाट्य मंचन का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर तिवारी, प्रो. शैलेन्द्र शर्मा ने किया। प्रवीण शेखर निर्देशित बैकस्टेज प्रयागराज की खूबसूरत प्रस्तुति ‘‘तीस मार खां’’ को रंगमंच की भाषा में ढालने और मंच के लिए इस विचार को परिवर्तित करने के लिए के लिए मंच विन्यास में सादगी और यथा संभव कम से कम तामझाम का रास्ता चुना गया। बेहतरीन प्रस्तुति संरचना में दैहिक भाषा, संरचना और रंगों के जरिए चरित्रों की संभावनाओं को बल देने पर रहा। विश्व साहित्य की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में मिग्युल डी सर्वान्तिस की रचना ’डॉन क्विग्जोट (दोन किहोते)’ का शुमार होता है। विश्व के उच्च साहित्यिक मानदंडों पर खरी उतरने वाली यह अमर रचना मूलतः स्पेनिश भाषा में है और इसका रचनाकाल सन् 1605-1615 के बीच का है। हवा-हवाई ख्वाबों से भरे दोन किहोते और सांचो पांजा की गाथा ’तीसमार खां’ जो भारतीय परंपरा, यथार्थ, खुशबू, देशकाल, वातावरण, मनोभाव, ध्वनि की गहराई आदि से सम्पृक्त है। प्रस्तुति की केंद्रीय भूमिका में सतीश तिवारी और भास्कर शर्मा ने खूब रंग जमाया। अमर सिंह, अनुज कुमार, कोमल पांडे, अंजल सिंह ने भी प्रभावित किया। अन्य कलाकारों में दिलीप, प्रदीप्त, प्रज्ञा, कौस्तुभ, निधि, अनुराग, कृष्णा, नवल, सुमित आदि थे। प्रकाश योजना टोनी सिंह की थी। तीन दिवसीय नाट्य समारोह के लिए संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने दो नाटकों का सहयोग प्रदान किया। समारोह में मंचित तीनों नाटक प्रवीण शेखर के निर्देशन में हुए।