उज्जैन। स्वयं का मनोबल किसी नोबल पुरुस्कार से कम नहीं होता है.. मन से पॉजिटिव रहो तो सारी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी.. जीवन में एंजॉय करते रहे, एंजियोग्राफी की जरूरत नहीं होगी.. शादी के पहले का ’बाबू कब बाबूलाल बन जाता है, पता ही नहीं चलता.. माहिलाओ को आंटी मत कहिए .. काकी सा कहिये और स्वदेशी अपनाइए.. पहले बी.बी.सी. सुनने का चलन था अब बीबी से सुनने का चलन है.. पत्नी के सामने पति की दाल गल जाए ऐसे कुकर का अविष्कार आज तक नहीं हुआकृ। हास्य वयंग्य से भरपूर बेलोस ठहाकों से स्वामी मुस्कुराके ने बुक्का फाड़ सुनामी लहर से सभी को आनंदित कर दिया। शिक्षक सांस्कृतिक मंच, रतलाम के रजत जयन्ती अवसर पर स्वर्गीय सूर्य प्रकाश परिहार एवं शैलेंद्र सिंह चाहर की स्मृति मे होली मिलन समारोह एवं हास्य गोष्ठी का आयोजन राज गार्डन पर संपन्न हुआ। शिक्षक सांस्कृतिक मंच के ऊर्जावान अध्यक्ष दिनेश शर्मा और दिलीप वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता सदभावना के पुंज, वरिष्ठ पत्रकार पं. मुस्तफा आरिफ ने की। विशिष्ट अतिथि वेद मर्मज्ञ डॉ. मुरलीधर चाँदनी वाला थे। अतिथियो का स्वागत सुलोचना शर्मा, ओपी मिश्रा, गोपाल जोशी ने किया। इस अवसर पर गीत की पिचकारी से दिनेश बारोड़ ने रंगा। कवि श्याम सुंदर भाटी ने मलावी हास्य के गुब्बारों से गुदगुदाया। रंजीत सिंह राठौर ने हास्य की गुलाल से मलाल को दूर किया... डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा कि जीवन को सदेव हास्य रंग मे भिगोने से दुःख दूर रहते है.. पंडित मुस्तफ़ा आरिफ ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी के समक्ष सुनाई कविता से सभी को भाव विभोर किया। रजत जयन्ती वर्ष का रतलाम के अंतर राष्ट्रीय हास्य गौरव पीरूलाल बादल स्मृति हास्य शिरोमणी सम्मान उज्जैन के राष्ट्रपति अलंकरण से सम्मानित प्रधानाचार्य स्वामी मुस्कुराके, पंडित शैलेंद्र व्यास को किया गया। सूत्रधार दिनेश शर्मा थे।
हास्याचार्य पीरूलाल बादल स्मृति हास्य शिरोमणि सम्मान से सम्मानित हुए स्वामी मुस्कुराके