पंचसूत्रीय माँगो को पूरा करने महाकाल मंदिर में किया अनुष्ठान
उज्जैन। शासन की अनदेखी का शिकार हो रहे आयुर्वेद के जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को बाबा महाकाल से गुहार लगाई। पांच सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए करीब 300 छात्रों ने महाकाल मंदिर में अनुष्ठान किया।
डॉ. शुभम त्रिपाठी ने बताया कि सभी जूनियर डॉक्टर्स शुक्रवार को महाकाल मंदिर पहुंचे तथा अपनी पंचसूत्रीय मांगों को लेकर बाबा महाकाल के समक्ष अपनी मांगों को लेकर गुहार लगाई। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि आयुष विभाग के पदाधिकारियों द्वारा आयुर्वेद जूनियर डॉक्टर्स को सिर्फ मौखिक आश्वासन ही दिया जा रहा है जो कि कई वर्षों से चला आ रहा है, अतः प्रदेशव्यापी समस्त जूनियर डॉक्टर्स अपनी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे जब तक विभाग लिखित में आश्वासन तथा माँगो को पूरा नही करता है। जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय ने हमारी शिष्यवृत्ति एलोपैथी चिकित्सा के समान अधिकार देने का आदेश 2019 में ही दे दिया है। जिसका पालन राज्य सरकार द्वारा अभी तक नही किया गया है। मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा सेकंड क्लास अधिकारी की भर्ती हेतु निकाली गई विज्ञप्ति में असंवैधानिक रूप से संविदा कर्मियों को 67.5 मार्क्स (15 प्रतिशत) बोनस के रूप में दिए जा रहे है जबकि लोकसेवा आयोग द्वारा हाल ही में निकाली गई अन्य विभाग की परीक्षा में किसी भी प्रकार का बोनस मार्क्स का प्रावधान नहीं है, केवल आयु में छूट का प्रावधान है। एमपीएमएसयू द्वारा 2 वर्ष में लगभग 70 बार परीक्षाएं स्थगित की गई जिससे बीएएमएस डिग्री में 1.5 से 2 वर्ष का विलंब हो गया है। अतः अभी स्वतंत्र आयुष शाखा भोपाल में स्थापित हो एवं आगे स्वतंत्र आयुष यूनिवर्सिटी (उप्र के समान) की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। कोरोना काल में बीएएमएस डॉक्टर्स ने अपनी जान जोखिम में डाल कर एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ जन स्वार्थ के लिए कार्य किया था। लेकिन काम निकलते ही सरकार ने वापस अपने हाल पर छोड़ दिया। अतः बीएएमएस डॉक्टर्स को सशर्त अत्यायिक चिकित्सा का अधिकार मिले। 2013 में जनसंकल्प में घोषित 1000 औषधालय जल्द से जल्द खोले जाए।