समारोह में , स्वामी मुस्कुराके शैलेंद्र व्यास, सुमित नारंग, श्रीकांत वैशम्पायन, अभय तिरवार, डॉ पिलकेन्द्र अरोरा, अभिमन्यु चंदेल, मज़ार ए नज़मी के मैनेजर शेख मुर्तुजा भाई कोटा वाला, हांजी कुतुब फ़ातेमी, मुर्तुजा भाई बड़वाह वाला, खुज़ेमा चांदा भाई वाला, दारासिंह राणा, अभिमन्यु चंदेल सहित 12 संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। संचालन कवि सुगनचंद जैन ने किया। आभार कवि अशोक भाटी ने माना कविताओं से दी शुभकामनाएं सम्मान समारोह में पंडित आरिफ ने मुक्तक और अशआर सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। कवि नरेंद्र सिंह अकेला ने कहा, मेरी आँखों में रहो नींद बनो ख्वाब बनो, आप फूलों में रहो और सदा गुलाब बनो। व्यंग्यकार अशोक भाटी ने अपनी व्यंग्य रचनाओं से वातावरण को हास्यमय कर दिया। कवि सुगनचंद जैन ने त्वरित कविता सुनाई। मालवी कवि राजेन्द्र जैन ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। स्वामी मुस्कुराके एवं मुकेश जोशी ने भी व्यंग्य बाण चलाए।
मेरी आँखों में रहो नींद बनो ख्वाब बनो प्रख्यात शायर एजाजे मुस्तुफा में भी नग्मों की बयार