बकरा ईद पर सुधीर भाई के साथ 17 आश्रमवासियों ने किया आयंबिल तप

उज्जैन। अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम में बकरा ईद के विशेष पर्व पर सरस्वतीलब्ध प्रसाद आचार्यदेव पदमभूषण श्रीमद् विजय रत्नसुन्दर सुरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से सुशिष्य सरल सौम्य, प्रेम की मूर्ति आचार्य पदद्म सुन्दर सुरीश्वरजी म.सा. के पंचकान से आश्रम संस्स्थापक सुधीर भाई गोयल के साथ 17 आश्रमवासियों ने स्वेच्छा से एक दिवसीय बकरो की आत्मशांति हेतु आयंबिल तप किया। इस अवसर पर सुधीर भाई ने आयंबिल तप के बारे में बताया कि यह परम आराधना के साथ शरीर को स्वस्थ रखता है, आयंबिल के तप में तपस्वी द्वारा समस्त प्रकार के द्रव्यों का त्याग किया जाता है जैसे- शकर, दूध, घी, तेल, मसाले आदि। आयंबिल तप को इन्द्रियों पर विजय का तप भी माना गया है. इसमें तपस्वी दिन में एक बार उबला हुआ स्वाद रहित रूखा सुखा भोजन एक बार एक जगह स्थिर बैठकर करते है इस तप को आयंबिल तप कहा जाता है। इस अवसर पर गुरूदेव ने अहमदाबाद से आशीर्वाद दिया। आयंबिल करने वाले सुधीर भाई 65 वर्ष, तनिषा 13 वर्ष, मीना 12 वर्ष, मुस्कान 15 वर्ष, रानी 17 वर्ष, तनु 14 वर्ष, विष्णु 16 वर्ष, चंदा 16 वर्ष, संध्या 14 वर्ष, पूनम 16 वर्ष, कुता 17 वर्ष, संयम जैन 41 वर्ष, ज्योति 18 वर्ष, अंकित 15 वर्ष, सुरेश राव 48 वर्ष, अनिता 14 वर्ष, शगुन 17 वर्ष थे। तप की प्रेरणा स्त्रोत और सहायक श्रीमती कांता भाभी एवम् गोरी गोयल ने सभी को शुभकामनाएं दी।