गुरु पूर्णिमा पर विशेष मुस्तफा आरिफ की कहानी उन्हीं की जुबानी

गुरूपूर्णिमा संत संग सत्संग: समस्त संसार संग संग

आलोट एम: ईज्जी आज मे मुझे स्नेह वात्सल्य आशीष प्रदान करने वाले संतो का स्मरण कर आदरांजलि अर्पित कर रहा हूं। सिर्फ इसलिए की आज के वातावरण को विषैला बनाने वाले किटाणुओ को संदेश पहूँच सके और जान सके कि प्रकृति उनकी गुलाम नही है और न ही किसी वैश्विक प्रभावशाली के आदेश से चलती है। मृत्यु अटल है मुझे भी आनी है और उनको भी आनी है। गीता और कुरान का संदेश सार्वभौमिक है। देश बनाना है तो नेता का नही संत महात्मा का मार्ग अपनाना होगा। वैमनस्य भी एक हथियार है, हथियार का निर्माण विनाश के लिए ही होता है निर्माण के लिए नही। यही शास्वत सत्य है। आज नही तो कल मानोगे। प्रातःस्मरणीय महान संत ब्राह्मलीण स्वामी दिव्यानंद जी तीर्थ जिनके स्नेहवश मैं पंडित और परशुराम श्री बना। भागवत गीता के प्रकांड विद्वान विश्व में कहीं भी भागवत कर रहै हो, प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच पांच मिनट मेरे बारे में चर्चा अवश्य करते थे। भारतीय संस्कृति के पुरोधा एवं सनातन धर्म के प्रबल पक्षधर जिनकी मोबाइल ट्यून " जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया, वो भारत देश है मेरा।" हमेशा प्रेरित करती थी । जहां आज हिंदू मुसलमान नफरत का राजनीतिक केंद्र बिंदु है, हम बहस मुबाहिसे मे उलझे हुए है, वहीं हम हमारी सनातन संस्कृति भूल रहैं है कि सच्ची शरण स्थली भारत के संतों और महापुरुषों का सत्संग है। में सौभाग्यशाली हूँ कि स्वामी दिव्यानंद जी तीर्थ जैसे साम्प्रदायिक समन्वय के पक्षधर संत का शरण व सत्संग मिला। उन्हीं की परंपरा को निभा रहै हैं वर्तमान शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी । जब तक भारत की धरती पर ऐसे संत है तब तक इस सरजमीं को साम्प्रदायिक वैमनस्य के विष से विषाक्त कोई नहीं कर सकता। संत सदैव मानवीय मूल्यो के पोषक है और यहां तक की प्राणीमात्र का कल्याण और रक्षा ही उनका ध्येय होता है। ब्रह्मलीन अग्नि पीठाधीश्वर आचार्य प्रकाशानंद जी महाराज जब तक जीवित रहै, गुरू पूर्णिमा के कुछ दिन पूर्व उनके नागा साधू शिष्य मेरे उज्जैन स्थित निवास पर गुरूजी का आमंत्रण देने आते थे, और मे यथा संभव जहां भी हो हाजिर होता है। आज मे सशरीर आपके सामने हूं, इसका श्रेय उनको जाता है, क्योकि संत का दायित्व ही प्राणीमात्र की रक्षा है, संत वो बिल्कुल नही है जो सनातन धर्म की रक्षा के नाम पर वैमनस्य फैला कर राजनीति के वशीभूत नेताओ को दुकान चलाने मे मदद कर रहै है। संत है स्वामी विश्वात्मानंद जी विरक्त संत, ब्रह्मलीन विरक्त संत वामदेव जी, ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद जी और इसी परंपरा के भारत के अनेक संत। बात 1992 के उज्जैन सिंहस्थ की है जब मै दैनिक चौथा संसार के लिए कवरेज कर रहा था, जब नागा साधुओ की शाही सवारी रामघाट पर स्नान के लिए उपस्थित थी। यहां पर मुझे ये प्रेरणा मिली की नेतृत्व कैसा होता है और कैसे भीड़ को नियंत्रित कर उसे सकारात्मक रूप देता है। हजारो की संख्या मे नागा साधू त्रिशूल के साथ रामघाट पर उपस्थित थे। एक नागा साधू ने मेरी काली दाड़ी देखकर दूसरे साधू से जातिसूचक बातचीत की। बस एक इशारे की देर थी असंख्य नागा साधुओ ने मुझे घेर लिए और मेरा प्राण संकट मे आ गए। हाथी पर आसीन तत्कालीन अग्नि पीठाधीश्वर आचार्य प्रकाशानंद जी महाराज ये दृश्य देखकर भांप गये थे कि कुछ अनिष्ट होने वाला है। तत्काल उन्होने ज़ौर से यथाशक्ति आवाज लगाई "मेरा परशुराम है ये", आवाज सुनना थी की सब साधू पीछे हट गए। इस तरह एक संत ने एक प्राणी के प्राणो की रक्षा की। क्योंकि संत का दायित्व हमे सद मार्ग पर चलाना है, इसलिए संत को सद्गुरु कहा जाता है। इसी सिंहस्थ मे जब अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के मंच पर जब मुझे पंडित की उपाधि दी गयी तो परशुराम श्री भी, ब्रह्मलीन स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज की उपस्थिती मे जोडा गया। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर उन सद्पुरूषो को नमन जिनकी वजह से, सनातन मूल्य और धर्म सुरक्षित है। राजनीति कितने भी जहर फैलाए जो आध्यात्म और धर्म के मार्ग पर चलने वाले संत है, वो तो सिर्फ प्रेम का संचार कर लोगो को जोड़ने का काम करेंगे। क्योकि जोड़ने से ही प्रगति है, इसलिए ईश्वर ने हर प्राणी को उसका जोड़ा बनाकर उसे जोड़ा है। आज संतो के इस संदेश को आत्मसात करना जरूरी है, अगर हम उन्हे अपना गुरु मानते हे।



Popular posts
जनता को अपना परिवार समझने पर
Image
*शाकाहारी नशामुक्त बनो, बीमारियों से बचो- संत बाबा उमाकान्त जी महाराज*
Image
*भगवान कृष्ण उज्जैन सेभगवान कृष्ण उज्जैन से ही श्री कृष्ण बनकर गए थे- मुख्यमंत्री डॉ यादव ही श्री कृष्ण बनकर गए थे- मुख्यमंत्री डॉ यादव उज्जैन । भगवान कृष्ण उज्जैन में बालक के रूप में शिक्षा लेने आए थे और यहां पर 64 कलाएं उन्होंने सीखी और उन्हें सुदर्शन चक्र मिला इसी सुदर्शन चक्र से उन्होंने बाद में धर्म की स्थापना की इसलिए उज्जैन की नगरी से जो बात उठती है वह धर्म की स्थापना करती है । मनोरमा परिसर में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित नमो युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहीं । उन्होंने कहा उज्जैन में शिक्षा ग्रहण करने के बाद भगवान कृष्ण श्री कृष्ण बने और एक और राजा विक्रमादित्य हुए जिन्हें पूरे देश में न्याय के राजा के रूप में जाना जाता है वहीं 2000 साल पहले यहीं पर सम्राट अशोक अपनी युवावस्था में राजकुमार के रूप में राज्यपाल बनकर आए थे और जब वह यहां से गए तो चक्रवर्ती सम्राट बने । आप सब युवाओं को आने वाली 13 तारीख को भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनिल फिरोजिया को रिकार्ड मतों से विजयी बनाना है साथ ही हर युवा को अधिक से अधिक मतदान के लिए लोगों को मतदान तक लाना भी है । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्य ने कहा आप सब युवाओं की जिम्मेदारी है की ऐसी सरकार चुने जो राष्ट्र का निर्माण करती है जो राष्ट्रवाद की धारा को सदा प्रवाहित करती रहती है और सनातन धर्म की रक्षा करती है वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग इस देश में चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने कुछ किया नहीं लगातार सनातन का विरोध करते है । एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं जिसका भारत के विषय में ज्ञान भी ठीक से नहीं है वहीं दूसरी ओर हमारे प्रधानमंत्री जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में देश ही नहीं विश्व में भारत के मस्तक को ऊंचा किया है । सांसद प्रत्याशी अनिल फिरोजिया ने संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार प्रगति के पथ पर है और यह प्रगति का दौर हमेशा चला रहे इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को आप सब युवाओं को अच्छे मतों से जीताना है और 400 पार के संकल्प को पूरा करना है । कार्यक्रम में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव सिंह पवार, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, दिनेश जाटवा, युवा मोर्चा राष्ट्रीय महामंत्री रोहित चहल, कलावती यादव, युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह कुशवाह, प्रदेश मंत्री अमय आप्टे, प्रदेश कोषाध्यक्ष जयंत राव गरुड़, राजेन्द्र भारती, विशाल राजोरिया , संजय अग्रवाल, सुशील वाडिया, श्रीपाल राजावत , दीपक नामदेव सहित युवा मोर्चा के कार्यकर्ता व नव मतदाता उपस्थित थे । (News Reporter Asif Khan.Ujjain)
Image
दरोगा हप्पू सिंह ने बटोरी नवरात्रि के उत्सव में दर्शकों से ढेर सारी प्यार की न्यौछावर!
Image
सीएम डॉ मोहन यादव ने बूथ पर मतदान पर्ची का वितरण किया
Image