पार्षदों के लिए बेचैनी भरी रात बहुत लंबी यह रात कैसे गुजरेगी

बेबस जनता को मीठे वादों का जूस पिलाने दो 

बस एक बार, बस एक बार मुझको पार्षद बन जाने दो



जैसे आप सब को ज्ञात होगा, हाल ही में मध्य प्रदेश में नगर निगम  एवं नगर निकाय के चुनाव संपन्न हुए हैं उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में नगर निगम एवं नगर निकाय के पार्षदों एवं महापौर के चुनाव पर सबकी नज़र है,जिन जिन शहरों में 6 जुलाई को चुनाव संपन्न हुआ था,उसका चुनाव परिणाम 17 जुलाई को आएगा, मैंने परिणाम से पहली वाली रात एवं उस रात नेताओं पर कैसे बीतेगी, उस पर लिखने की कोशिश की है। 16 जुलाई की रात भावी पार्षदों के लिए बेचैनी भरी रात,बहुत लंबी यह रात,कैसे गुजरेगी यह रात नेताजी की तबीयत बेचैन है जैसे बिन पानी मछली । हर करवट यू लगती है जैसे बिस्तर पर किसी ने कांटे बिछा दिए हो,और नेताजी बोलें करवटें बदलते रहे सारी रात हम, आप की क़सम,ग़म न करो दिन चुनावी परिणाम के बहुत हैं कम, आप की क़सम,पार्षद की कुर्सी मुझे रात भर याद आती रही,एक हूक़ सी उठती रही,नींद मुझसे,नींद से मैं भागता रहा छुपता रहा,रात भर कम प्रतिशत का मतदान के आंकड़े चुभते रहे । कुछ हमसे गिला होता तो बता देते,मतदान क्यों नहीं किया हमें बता देते,टूट न जाये पार्षद बनने का सपना बहुत प्यार किया है, हमने पार्षद की कुर्सी से,आप की कसम आप की कसम । नेताजी की आंखों से नींद ओझल थी, नेताजी के मन में बार बार यह विचार आ रहा था कि यह रात,है कैसी रात,नींद क्यों नहीं आती,चुनावी परिणाम ने मेरे दिल का चैन छीना । यह रात भी गज़ब की रात,खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही,बार-बार नेताजी उठ कर खिड़की से झांकते हैं,पर अंधेरा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा,नेताजी को अंधेरा देखकर घबराहट हो रही है,दिल भी ऐसा धड़क रहा है,जैसे रेलगाड़ी का इंजन,नेताजी काली अंधेरी रात को देखकर घबरा जाते हैं,उनके मन मस्तिष्क में पुराने गाने की कुछ लाइनें गूंजने लगती है,वह सुबह कभी तो आएगी,इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा,जब दुःख के बादल पिघलेंगे,जब सुख का सागर छलकेगा,नेताजी अपने सफेद कुर्ते पजामे निहारते,जो उन्होंने कल्लू धोबी से कड़क प्रेस करवा कर खूंटी पर टांग रखा है,उनको आशा ही नहीं पूरा भरोसा है,चुनाव जीतने के बाद यह कुर्ता पजामा पहन कर सीना चौड़ा करके गली मोहल्ले में जाएंगे पीछे से उनके कार्यकर्ता ज़ोर-ज़ोर से नारे लगाएंगे,नेताजी तुम विकास करो,हम तुम्हारे साथ हैं,पर नेताजी के दिल में तो चोर बैठा है,वह वार्ड का विकास कम अपना और अपने परिवार का विकास ज़्यादा करने में विश्वास रखते हैं। यह सब नेताजी के सुखद सपनों के अंश है,नेताजी की असली परीक्षा का परिणाम 17 जुलाई को आएगा नेताजी बहुत परेशान है, बच्चों की स्कूल की फ़ीस,मकान का किराया, बिजली बिल के पैसे, किराने वाले का बिल,दूध का बिल,इन सब के पैसे नेताजी ने नेतागिरी में लगा दिए,हद हो गई नेता जी के घर में गैस खत्म हो गई और पिछले 20 दिन से नेताजी की धर्मपत्नी चूल्हे पर खाना बना रही है, यह सब सोचकर नेता जी घबरा जाते हैं अपने छोटे से कमरे में टहलना शुरू कर देते हैं,अगर नेता जी चुनाव जीत गए तो नेताजी के कार्यकर्ताओं का कारवां बढ़ जाएगा,अगर चुनाव हार गए तो यह कार्यकर्ता नेताजी से दूर भागते रहेंगे और कारवां खत्म हो जाएगा।