"पानी बचाएँ, प्रकृति को बढ़ावा दें और रक्तदान करें"
शब्दों के पीछे, छिपे कुछ शब्द.. - अतुल मलिकराम (राजनीतिक विश्लेषक) उपरोक्त शब्द हमारे जीवन का अहम् हिस्सा हैं, क्योंकि इनके आवरण में ही हम बड़े हुए हैं। लेकिन, क्या हो अगर मैं कहूँ कि इन कथनों या शब्दों के पीछे कुछ दूसरे अर्थ भी छिपे हुए हैं, जिनसे कहीं न कहीं हम अनजान हैं? भले ही हम इन शब्दों से अ…
